शेयर बाजार क्या होता है – What is share market in Hindi ? – Functions of Stock market in Hindi. (updated 2022)

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share market or शेयर बाजार या स्टाॅक मार्केट

शेयर बाजार क्या होता है – What is share market in Hindi ? – Functions of Stock market in Hindi. (updated 2022)

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शेयर बाजार क्या है ? (Share market in Hindi)

जैसे कि आम तौर पर हम सभी यह जानते हैं कि जिस जगह या स्थान पर वस्तुओं की खरीद-बिक्री की जाती है, उसे बाजार के नाम से जाना जाता है| ठीक इसी प्रकार share market या शेयर बाजार या स्टाॅक मार्केट एक ऐसा बाजार है जहाॅं पर कम्पनियों के शेयरों की खरीद-बिक्री , जारी (Issue) किया जाता है| सभी प्रकार के शेयरों की खरीद-बिक्री एवं उनके वित्तीय गतिविधियाॅं संस्थागत ऑपचारिक एक्सचेंजों (institutionalized formal exchanges) के माध्यम से भौतिक या इलेक्ट्रौनिक (physical or electronic) या over- the- counter (OTC) market place के माध्यम से संचालित की जाती हैं जो एक विशेष प्रकार के नियमों का पालन करते हुए संचालित होती हैं |

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पहले शेयरों की खरीद-बिक्री मुख्यत: भौतिक (physically) रुप में ही होती थीं, लेकिन अब internet की व्यवस्था हर जगह हो जाने की बजह से आजकल शेयरों की खरीद-बिक्री मुख्यत: electronic यानी online ही की जाती है | आप online शेयरों की खरीदारी पुरे विश्व में किसी भी stock market में कर सकते हैं इसके लिए जरुरत है तो सिर्फ एक Demat account की | Demat account के जरिये निवेशक और ट्रेडर अपने पसंद का शेयरों की बोली खरीद- बिक्री के लिए लगाते हैं |

Key features

1. शेयर बाजार ऐसा बाजार है जहाॅं खरीदार और बिक्रेता सार्वजनिक निगमों के equity shares, derivatives, commodity stocks, mutual funds, ETF, की खरीद-बिक्री के लिए एकत्रित होते हैं |

2. शेयर बाजार एक मुक्त बाजार अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण घटक होते हैं क्योंकि ये सभी प्रकार के निवेशकों के लिए व्यापार और पूजा के आदान – प्रदान के लिए लोकतांत्रिक पहुॅंच को सक्षम करते हैं |

3. वे बाजारों में कई कार्य करते हैं जिनमें कुशल मूल्य खोज और कुशल व्यवहार शामिल हैं |

4. शेयर बाजारों को प्रतिभूति और विनिमय आयोग एवं स्थानिय निकायों द्वारा नियंत्रित किया जाता है | भारत में यह कार्य SEBI ( Security Exchange Biard Of India) के द्वारा नियंत्रित किया जाता है •

शेयर बाजारों के प्रकार (Types of share market)

शेयर बाजार कितने प्रकार के होते हैं और इनका मतलब क्या होता है | तो आपको मालूम होना चाहिए कि भारत में दो प्रकार के शेयर बाजार होते हैं – 1. प्राथमिक शेयर बाजार ( primary stock market) एवं 2. द्वितीयक शेयर बाजार (secondary stock market)

1. प्राथमिक शेयर बाजार (Primary Stock Market)

प्राथमिक शेयर बाजार एक ऐसा शेयर बाजार है जहाॅं पर कोई कम्पनी पहले धन जुटाने के उद्देश्य से पंजीकृत होती है और एक निश्चित मात्रा में वह पंजीकृत कम्पनी अपना शेयर जारी करती है | प्राथमिक शेयर बाजार में किसी भी कम्पनी का पंजीकृत होने का मुख्य लक्ष्य होता है अपनी कम्पनी के लिए धन जुटाना और कम्पनी के कुल asset के हिसाब से एक निश्चित मात्रा में शेयर जारी करना | अगर कोई कम्पनी पहली बार अपना शेयर बेचना चाहती है तो इसके लिए वह कम्पनी IPO (Initial Public Offer) एक निश्चित मूल्य पर और एक निश्चित समय अवधि के लिए जारी करती है , निवेशक उस समय अवधि के बाद ही अपने निवेश से बाहर निकल सकते हैं और यही IPO उस कम्पनी का प्रथम शेयर होता है जो सार्वजनिक रुप से शेयर बाजार में बेचती है |

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2.द्वितीयक शेयर बाजार (Secondary Stock Market)

एक बार जब किसी कंपनी के new securities यानी कि IPO को primary stock market में बेच दिया जाता है तो उन शेयरों को द्वितीयक शेयर बाजार में कारोबार किया जाता है | Secondary market में निवेशकों को अपने निवेश से बाहर निकलने एवं शेयरों को बेचने का मौका मिलता है | द्वितीयक शेयर बाजार में लेन-देन के ऐसे कारोबार शामिल होते हैं जिसमें एक निवेशक या ट्रेडर दूसरे निवेशक या ट्रेडर से बाजार भाव पर या उससे कम या ज्यादा पर मोल-भाव कर शेयरों की खरीदारी या बिक्री करते हैं |

आमतौर पर निवेशक या ट्रेडरस इन लेन-देन को एक दलाल (stock broker) के माध्यम से करते हैं जो शेयरों की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को अत्यधिक सुविधाजनक बनाते हैं ताकि निवेशक या ट्रेडर को लेन-देन का ब्यौरा में किसी तरह की कठिनाई ना हो | स्टाॅक ब्रोकर इन ट्रेडिंग अवसरों को विभिन्न योजनाओं में प्रदान करते हैं | जैसे Cash on delivery, Intraday trading, Margin trades, Margin Plus trade, BTST इत्यादी |

शेयर बाजार में क्या-क्या कारोबार होता है?

शेयर बाजार में क्या-क्या कारोबार होता है जानने के लिए पहले बाजार के उन वित्तीय संसाधनों की चर्चा आवश्यक है जिनके बगैर शेयर बाजार की चर्चा ही नहीं की जा सकती है | तो चलिए अब हम आगे जानते हैं, कि वो कौन-कौन सी वित्तीय संसाधन हैं जिनकी भागीदारी शेयर बाजार में अति आवश्यक है | तो स्टाॅक एक्सचेंज में कारोबार करने वाले चार प्रकार के वित्तीय संसाधन होते हैं – शेयर, बाॅन्ड, डेरिवेटिव एवं म्यूचुअल फंड |

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शेयर (Share)

किसी भी corporarion या कम्पनी का शेयर उस corporation या कम्पनी के asset value के हिसाब से जारी किया जाता है | चलिए इसे हम एक उदाहरण के जरिये समझते हैं | मान लिजिये एक कम्पनी है जिसका नाम XYZ है और इस XYZ कम्पनी की कुल asset value ₹10000/- है तो यह कम्पनी ₹1 के book value वाले 10000 शेयर जारी कर सकती है और इसे मार्केट में कारोबार के लिए उतार सकती है |

शेयर का अर्थ है अंश यानि कि किसी भी कम्पनी में हिस्सेदारी की सबसे छोटी ईकाई एक शेयर है यानि कि जिसके पास जितने शेयर किसी भी कम्पनी के हैं उस कम्पनी में शेयरधारक का उतना स्वामित्व है जितना की उसके पास शेयर हैं | अत: कोई भी निवेशक जब किसी भी कम्पनी का शेयर खरीदता है तो वह उस कम्पनी की उतनी ही हिस्सेदारी खरीदता है और कम्पनी अपने लाभांश को अपने शेयर धारकों में प्रति शेयर लाभांश के रुप में देती है |

बाॅन्ड (Bond)

बाॉन्ड किसी परियोजना को खड़ा करने या शुरुआत करने के लिए निवेशकों से लिया गया एक कर्जा है जिसके बदले में परियोजना से होने वाले लाभ से निवेशकों का पैसा एक नियत समय अवधि के अंदर लाभांश के साथ उन्हे वापस किया जाता है | जब कोई कम्पनी किसी बैंक से पैसा उधार लेने का विकल्प चुनती है तो वह कम्पनी एक ऋण लेती है जिसका भुगतान समय-समय पर ब्याज के साथ करती है| ठीक उसी तरह से जब कोई फर्म, नगर निगम, या खुद सरकार किसी परियोजना की शुरूआत करना चाहते हैं तो उस परियोजना का संचालन और कम्पनी प्रक्रिया को क्रायान्वित करने के लिए एक मुश्त भारी रकम की आवश्यक्ता होती है और इसके लिए पूंजी जुटाने का एक प्रक्रिया बाॅन्ड भी है | परियोजना की कुल खर्च एवं संचालन के लिए निवेशकों को कुछ सिमित वर्षों के लिए बाॅन्ड बेची जाती है जिस बाॅन्ड पेपर के माध्यम से निवेशकों को यह बताया जाता है कि उनको बाॅन्ड खरीदने के बदले कितना पैसा लाभ के रुप में कितने बर्षों तक मिलेगा |

उदाहरण के लिए कल्पना कीजिये कि आप एक छोटी सी कम्पनी खड़ी करना चाहते हैं जो लगभग 2-3 वर्षों में मुनाफा देना शुरु कर देगी | मगर आपके पास उस कम्पनी को खड़ा करने के लिए पर्याप्त राशि नहीं है तो आपको जितनी रकम की आवश्यक्ता है उस रकम को आप अपने दोस्त से 6℅ ब्याज पर 5 वर्षों के लिए कागजी प्रक्रिया के साथ ऋण लेते हैं| ऋण की रसीद पर यह कहते हुए लिखते हैं कि ऋण के रुप में लिये गये ₹ 5 लाख रुपये प्रति वर्ष 6℅ ब्याज के रुप में चुकायेंगे | ऋण की यह रसीद आपके दोस्त के पास है तो यह एक बाॅन्ड है जिसे आपके दोस्त ने आपसे खरीदा है | चूंकि उस बाॅन्ड के जरिये आपने यह वादा किया है, कि आप 5 वर्षों तक प्रति वर्ष 6℅ ब्याज के साथ मूल राशि भुगतान करेंगे और आप ऐसा करते हैं तो अंत में 5 वाॅं वर्ष समाप्त होने तक आप मूलधन का भुगतान समाप्त कर देते हैं |

डेरिवेटिव (Derivatives)

डेरिवेटिव शेयर बाजार में एक प्रकार का contract है जिसे एक उपकरण के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है | इसका नाम डेरिवेटिव (derivative) इसलिए है, कि इसका अपना खुद का मूल्य नहीं होता है बल्कि इसका मूल्य उस शेयर या स्टाॅक या इंडेक्स से संबंधित होता है जिसके अंतर्निहित मूल्य (underlying value) से यह प्रभावित होता है | अर्थात जिस इंडेक्स, शेयर या काॅमोडिटी स्टाॅक के मूल्यों के अंतर्निहित मूल्य underlying value) के आधार पर डेरिवेटिव contract तैयार किया जाता है उनका मूल्य घटने से उसके derivatives के मूल्य घटते हैं और बढ़ने से बढ़ते हैं | चूकि शेयर बाजार में इंडेक्स (NIFTY, BANK NIFTY, NIFTY IT etc) में उतार- चढ़ाव होते रहते हैं उसी प्रकार stocks यानी शेयर के भी भाव में उतार चढ़ाव होते रहते हैं तो उनका derivatives के भाव में उन इंडेक्स और शेयरों के भाव के तुलना में ज्यादा उतार- चढ़ाव होता है | यह एक प्रकार का contract है जो कि कुछ सप्ताह, महीनों के लिए होता है और शेयर की तुलना में traders इसमें cash में ज्यादा trading करते हैं जिसके वजह से इसमें लिक्वीडिटि ज्यादा होती है और इसमें कम लागत में भी ज्यादा मुनाफा कमाया जा सकता है |

आपकी जानकारी के लिए बता दूॅ कि शेयर ट्रेडिंग के अपेक्षा traders को derivatives में trading करना ज्यादा भाता है परन्तु वो क्या कहते हैं न कि low risk – low profit, high risk – high profit वही बात derivatives के साथ लागू होता है | Derivatives चार प्रकार के होते हैं – Future, Option, Forward एवं Swap जिनमें से Future एवं Options का ही trading सिर्फ online exchange के जरिये होता है, बाकी Forward एवं Swap की trading , offline यानी कि over- the- counter होता है |

शेयर बाजार या स्टाॅक मार्केट कैसे कार्य करता है?

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शेयर बाजार (share market) कहें या स्टाॅक मार्केट (stock market) दोनों एक ही बात है क्योंकि शेयर को ही स्टाॅक कहा जाता है | आप चाहें तो इसे share market या stock market किसी भी नाम से कह सकते हैं | पर हमें तो यह जानना है कि स्टाॅक मार्केट कैसे काम करता है (Functions of stock market in Hindi) | तो चलिये हम अब यह समझते हैं कि स्टाॅक मार्केट कैसे काम करता है (Functions of stock market in Hindi) | स्टाॅक मार्केट एक ही समय में एक साथ कई खरीदारों और प्रतिभूतियों (securities) के बिक्रेताओं को मिलने, बात-चीत करने और लेन – देन करने की अनुमति देता है|

शेयर बाजार में आप किसी निगम या कम्पनी के शेयरों के मूल्य का खोज करने की अनुमति देता है | अगर दूसरे शब्दों में कहा जाये तो शेयर बाजार समग्र अर्थव्यवस्था के लिए एक प्रकार से बैरोमीटर का कार्य करता है | चूॅंकि शेयर बाजार में कारोबारियों की संख्या बहुत ही ज्यादा होती है कहें तो करोड़ों लोग इसमें एक साथ खरीद-बिक्री का कारोबार करते हैं इसलिए इसमें तरलता (liquidity) यानी की दामों में लचीलापन, यानी की आपको मोल-भाव का मौका पूरा-पूरा मिलता है और निवेशक या ट्रेडर अपने मन पसंद भाव पर शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकते हैं | अगर विस्तृत रुप में कहें तो शेयर बाजार की विशेषताऍंअगर निम्नलिखित हैं |

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प्रतिभूतियों (Securities) के लेन-देन में उचित व्यवहार

इस बाजार में मांग और आपूर्ति के मानक नियमों के आधार पर स्टाॅक एक्सचेंज यह सुनिश्चित करना चाहता है, कि बाजार के सभी सहभागियों यानी क्रेता और बिक्रेता के आदेशों ( Buy and sell orders) का डाटा जल्द से जल्द उनके आदेशों तक पहुंचे जिससे प्रतिभूतियों के निष्पक्ष और पारदर्शिता मूल्य निर्धारण में मदद मिलती है | इसके अतिरिक्त इससे उचित खरीद और बिक्री के आदेशों का मिलान भी होता है |

उदाहरण के लिए – ऐसे तीन खरीदार हो सकते हैं जो SBI के शेयरों के लिए क्रमश: ₹520, ₹522 एवं ₹525 पर खरीदने के लिए buy order लगाते हैं और ऐसे चार बिक्रेता हैं जो SBI का शेयर ₹525, ₹527, ₹528 एवं ₹530 पर बेचने के लिए sell order लगाते हैं| तो स्टॉक एक्सचेंज स्वचालित व्यापार प्रणालियों के माध्यम से यह सुनिश्चित करता है, कि सर्वोतम खरीद और सर्वोतम बिक्री का मिलान हो जो इस मामले में व्यापार के लिए दी गयी सर्वोतम उचित दाम ₹525 है |

कुशल मूल्य की खोज

शेयर बाजारों को मूल्यों की खोज करने के लिए एक कुशल तंत्र की आवश्यक्ता होती है, जो stocks के उचित मूल्य को खोजने का कार्य संदर्भित करता है और आमतौर पर बाजार की आपूर्ति एवं मांग और लेन-देन से जुड़े अन्य कारकों का आकलन करता है |

उदाहरण के लिए मान लिजिए कि Power Finance एक भारतीय फाइनेंस कम्पनी है जिसका बाजार पूंजीकरण ₹71, 655 करोड़ है | एक खबर आती है, कि भारत सरकार ने इस कम्पनी पर किसी फाइनेंन्सियल गड़बड़ी के लिए ₹ 21,496 करोड़ का जुर्माना लागा दिया , तब अनिवार्य है, कि कम्पनी का मूल्य का 40℅ समाप्त हो सकता है | जबकि शेयर बाजार ने कम्पनी के शेयर की कीमत पर पहले से ही ₹100 और ₹125 का क्रमश: lower circuit एवं high circuit लगा रखा है | तब ऐसी स्थिति में शेयर बाजार उस शेयर की कीमत में संभावित परिवर्तनों को समायोजित करने के लिए अनुमेय व्यापारिक मूल्य सीमा को कुशलतापूर्वक बदलता है ताकि निवेशकों को उस शेयर का उचित मूल्य मिल सके एवं एक ही भाव पर ट्रेडिंग करने के लिए संघर्ष न करना पड़े |

तरलता (liquidity) का रख रखाव

अब आप सोचेंगे कि शेयर बाजार में तरलता क्या है? हम पहले ही उपर इस बात का वर्णन कर चुके हैं कि शेयर बाजार में खरीदारों एवं बिक्रेताओं की संख्या करोड़ों में होती है और अगर एक विशेष प्रकार की वित्तीय सुरक्षा के लिए इतनी ज्यादा संख्या शेयर बाजार के नियंत्रण से बाहर है | ऐसे में बाजार स्वचालित व्यापार प्रणालियों के माध्यम से यह सुनिश्चित करता है, कि कोई भी योग्य जो व्यापार करने को इच्छुक है उसे उचित मूल्य पर निष्पादित होने वाले ऑर्डर देने के लिए तत्काल पहुॅच प्राप्त

लेन देन की सुरक्षा और वैद्यता

किसी भी बाजार को कुशलतापूर्वक चलने के लिए उसमे सहभागियों की संख्या ज्यादा से ज्यादा होनी चाहिए | स्टाॅक मार्केट में जिस एक्सचेंज में जितना ज्यादा सहभागी होंगे उसमें तरलता (liquidity) उतना ही ज्यादा होगी और जितना अधिक तरलता होगी क्रेता और बिक्रेता को खरीद- बिक्री करने के लिए उतना ही अच्छा भाव मिलता है |

लेकिन, उसी बाजार को लेन देन की सुरक्षा और वैद्यता के लिए बाजार यह सुनिश्चित करता है, कि सभी प्रतिभागियों का सत्यापन किया गया है और वे सभी आवश्यक नियमों और विनियमों के अनुपालन में रहें और किसी भी पक्ष के लिए कोई भी जगह न छोड़ी जाए जिससे बाजार के नियमों का उल्लंघन हो | इसके अतिरिक्त यह भी सुनिश्चित किया जाता है, कि स्टाॅक मार्केट में काम करने वाली सभी संस्थाऍं बाजार के सभी नियमों का पालन कर रही हैं और नियामक द्वारा दिये गये कानूनी ढाॅंचा के भीतर ही काम करती हैं |

स्टाॅक मार्केट में धनी और संस्थागत निवेशकों के अलावा आप और मेरे जैसे छोटे निवेशक बहुत ही ज्यादा संख्या में निवेश करते हैं | संस्थागत निवेशकों को तो वित्तीय ज्ञान भी ज्यादा होते हैं और उनका अपना पर्सनल financial advisor भी होते हैं | लेकिन छोटे-छोटे निवेशकों को हो सकता है, कि सभी को वित्तीय ज्ञान न हो इसके लिए स्टाॅक एक्सचेंज समय-समय पर निवेशकों को सूचित करता रहता है कि हमेशा SEBI Registered broker से ही अपना Demat अकांउट खुलवायें ताकि निवेशकों को भविष्य में किसी भी तरह के वीत्तीय गड़बड़ी से बचा जा सके |

इसके साथ ही भारत में SEBI के तरफ से सभी stock brokers को यह निर्देशित किया गया है, कि चाहे वे निवेशक हो या ट्रेडर उनके प्रतिदिन का निवेश और ट्रेड की जानकारी निवेशकों के रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर और ईलेक्ट्राॅनिक मेल आई. डी पर भेजना अनिवार्य है, इसके अलावा प्रत्येक निवेशक और ट्रेडर्स को स्टाॅक एक्सचेंज जैसे कि NIFTY, SENSEX , MCX द्वारा प्रत्येक दिन के ट्रेड की जानकारी भेजी जाती है, ताकि वो अपने stock broker के द्धारा भेजी गयी जानकारी से matching कर ले |

इसके अलावा एक स्थानीय वित्तीय नियामक या समक्ष मौद्रिक प्राधिकरण या संस्थान को किसी भी देश के शेयर बाजार को विनियमित (regulated) करने का कार्य सौंपा जाता है | भारत में यह कार्य SEBI (Security Exchange Board Of India) के द्वारा किया जाता है | SEBI एक ऐसी संस्था है, जो सरकार और राजनीतिक दबाव के बिना स्वतंत्र रूप से कार्य करती है | यह निवेशकों की सुरक्षा, निष्पक्ष, व्यवस्थित और कुशल बाजारों को बनाये रखने तथा “पूॅजी निर्माण की सुविधा” के रुप में जाना जाता है |

🖌Conclusion :- शेयर मार्केट बहुत ही जल्द पैसा कमाने का तरीका है, मगर इसमे जोखिम हर एक क्षेत्र से ज्यादा है | अगर आपको शेयर बाजार का ज्ञान पूर्ण रूप से नहीं है, तो दूसरों की देखा-देखी बिल्कुल ही न करें | इस लेख के माध्यम से मैंने सिर्फ शेयर बाजार के कार्य करने के तरीकों के बारे में जानकारी आपतक शेयर किया है| शेयर बाजार से जुड़ी अन्य जानकारी आगे भी लिखा जायेगा | अगर आप चाहते हैं कि हमारे सारे पोस्ट आप तक पहुंचे तो कृप्या जरुर subscribe करें और अपनी राय हमें कमेंट बाॅक्स में जरुर कमेंट करके बतायें | धन्यवाद्!!

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