सी.एम. नहीं बनने दूँगा – मनीष कश्यप ने क्यों कहा?
सी.एम. नहीं बनने दूँगा – मनीष कश्यप ने क्यों कहा?
तमिलनाडु हिंसा फेक वीडियो की जांच होने और फैक्ट सामने आने के बाद, सोशल मीडिया पर गलत तरीके से फेक वीडियो और पोस्ट जारी करने के संंबंध में बिहार पुलिस ने कार्यवाई को आगे बढ़ाते हुए कुछ गिर्फतारियाॉं भी की है.
इसी क्रम में यूट्यूब पर न्यूज चैनल @sachtaknews चलाने वाले मनीष कश्यप का भी नाम है, जिन्होंने तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर जानलेवा हमले और हिंदी भाषियों को जान से मारने का वीडियो अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से प्रसारित किया.
इस कड़ी में बिहार पुलिस ने मनीष कश्यप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर ऑनलाइन गिरफ्तारी का वारंट भी डाला है. तब से मनीष कश्यप के कहीं अनजान जगह पर छुपने की खबर आ रही है.
अपनी गिरफ्तारी को लेकर मनीष कश्यप ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को लेकर एक बहुत ही बड़ी बात अपने ट्वीटर प्रोफाईल से वीडियो डालकर ट्वीट किया है, कि वो तेजस्वी यादव को अगले विधान-सभा चुनाव में बिहार का सी.एम. नहीं बनने दूँगा
जैसा कि सभी जानते हैं कि मनीष कश्यप ने करोना काल में यूट्यूब पर न्यूज चैनल की शुरुआत की थी. करोना काल में लाॅक डाउन की वजह से लोगों ने जमकर मोबाईल फोन के जरिये सोशल मीडिया का उपभोग किया और इसी क्रम में मनीष कश्यप के न्यूज चैनल पर दर्शकों की संख्या बढ़ती गयी. यूट्यूब चैनल @sachtaknews के सब्बक्राइबरों की संख्या अभी तक 68.7 लाख हो चुके हैं.
तो इसी चैनल के दम पर उन्होंने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को यह चैलेंज कर दिया हे, कि अगामी बिहार विधान सभा के चुनाव के बाद तेजस्वी यादव को वो मुख्यमंत्री नहीं बनने देंगे.
तो आखिर क्या करेंगे मनीष कश्यप इसके लिए. या तो वो तेजस्वी के कमजोरियों और उनके द्वारा हुई राजनीतिक चुकों को वो प्रसारित करेंगे, या फिर उनके खिलाफ न्यूज दिखाकर अपने चैनल के सब्बक्राईबरों का मिजाज तेजस्वी यादव के खिलाफ करेंगे या फिर अन्य राजनेताओं के साथ मिलकर कोई राजनीतिक चक्रव्यूह रचेंगे. कुछ भी हो सकता है आने वाले कल को किसने देखा है.
तो क्या मनीष कश्यप ऐसा गिरफ्तारी के आदेश के बाद से चाहते हैं
अब प्रशन यह उठता हे, कि बिहार पुलिस द्वारा गिरफ्तारी के आदेश के बाद से मनीष कश्यप चाहते हैं, कि तेजस्वी बिहार के मुख्यमंत्री न बनें ? अगर आप भी यहीं सोच रहें हैं तो शायद आप भी गलत सोच रहे हैं.
वास्तव में मनीष कश्यप पहले से ही आर. एस. एस का सदस्य है और एक आर. एस. एस का सदस्य यह कभी भी नहीं चाहेगा कि बीजेपी के अलावा किसी और की सरकार बने इसके लिए चाहे उसे कोई भी कीमत चुकानी पड़े, लेकिन एक आर. एस. एस सदस्य हर हाल में बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) की ही सरकार चाहेगा. भले ही समाज के और लोग समय-समय पर स्थिति और हालात को देखते हुए नेता पार्टी बदल कर चुनते हैं, लेकिन एक आर. एस. एस सदस्य हर हाल में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का चुनाव करना चाहेगा चाहे वह सरकार कैसा भी कार्य करे.

अब तो यह गलत फहमी आपको भी दूर हो गयी होगी आखिर क्यों मनीष कश्यप ने तेजस्वी यादव को चैलेंज किया है.
कहाॅं हुई मनीष कश्यप से गलती
हांलाकि मनीष कश्यप ने समय-समय पर मनीष कश्यप ने अपने चैनल के माध्यम से गरीबों पर अत्याचार, भ्रष्ट सरकारी तंत्रो के खिलाफ भी आवाज उठाया है, लेकिन क्या उन्होंने एक भी वीडियो अडानी समूह के द्वारा किये गये हेराफेरी के बारे में और इस पर केंद्र सरकार की चुप्पी पर बनाया. नहीं बनाया, क्योंकि उनकी संघ का एक सदस्य होने के नाते उनकी इतनी हिम्मत नहीं है, कि वो इसपर वीडियो बनाते. खैर तह मामला अब तो न्यायलाधीन है.
लेकिन तेंलगना में बिहारी मजदूरों पर हमले को लेकर वीडियो पोस्ट डालकर प्रसारित कर दिये वह भी ऐसे समर में जब बिहार में विपक्ष इसी को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने का काम कर रही थी. ऐसै में तेजस्वी यादव को लगा कि यह तो आग में घी डालने का काम है, क्योंकि राजद पार्टी तो अपने- आपको गरीबों का मसीहा के नाम से जानती है, और करोना काल में जब तेजस्वी विपक्ष के नेता थे तब उन्होंने बिहार के प्रवासी मजदूरों को कुछ मदद भी पहुॅंचाये थे.
ऐसे में तेलंगाना कांड का वीडियो राजद पार्टी के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन गयी. लेकिन मनीष कश्यप ने सही-गलत या फिर जाॅंच-पड़ताल किये बगैर गलत मनसूबे से एडिट किया हुआ फेक वीडियो पोस्ट प्रसारित कर बिहार सरकार पर आरोपों की झड़ी लगा दिया. शायद यह बात तत्कालीन बिहार सरकार को अच्छी नहीं लगी.
हांलाकि मनीष कश्यप ने अपने ट्वीटर से ट्वीट करते हुए यह भी कहा है, कि तेजस्वी यादव जब भी कहेंगे वो अपनी गिरफ्तारी दे देगें. लेकिन क्या एक स्वतंत्र पत्रकार होने के नाते अगामी चुनाव में तेजस्वी यादव को चैलेंज कर उनको वाकयी में मुख्यमंत्री बनने से रोक देंगे. अब यह तो भविष्य की बात हो गयी कि बिहार में सरकार किसकी बनेगी महागठबंधन की या फिर भाजपा की. हाॅलाकि मनीष कश्यप अपने गुस्से को लेकर ऐसा विवादित बयान दे रहे हैं अन्यथा कहाँ एक उपमुख्यमंत्री और कहाॅं मनीष कश्यप जैसा उभरता एक स्वतंत्र पत्रकार. लेकिन यह भी याद रखें कि कलम की ताकत बंदूक से कहीं ज्यादा होती है..
आपको यह न्यूज पोस्ट कैसा लगा.. क्या मनीष कश्यप तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनने से रोक पायेंगे. अपनी राय कमेंट में जरूर बतायें…
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