

कोरोना संकट में भारत बना विश्व का विश्वासी। कोरोना महामारी पूरे विश्व के लिए संकट पैदा कर दिया है। यह समस्या दिन ब दिन गहराती जा रही है।
क्योंकि जिस रफ्तार से यह महामारी लोगों को अपने चपेट में ले रहा है, उस रफ्तार से इसका इलाज के लिए नयी तकनीकि का इजाद संभव नहीं हो पा रहा है और न हीं इसके ईलाज के लिए उपयुक्त दवा असानी से उफलब्ध हो पा रहा है। विश्व के विकसित देश जैसे कि अमेरिका, जर्मनी, ब्राजिल, स्पेन आदि जैसै देश भी कोरोना पिड़ितों के ईलाज के लिए अभी तक सक्षम दवा का खोज नहीं कर पाये है।
ऐसी परिस्थिति में भारत ने Hydroxycholoroquineदवा विश्व के देशों को उपल्बध कराया है, जोकि न सिर्फ एक मदद है बल्कि सम्पूर्ण मानव जाति के प्रति मानवता को उजागर करता है और ऐसे मेेंं यह श्रेय भारत को जाता है।
भारत ने अबतक कुल तेरह देशों को Hydroxycholoroquine दवा उपल्बध कराया है, जो कि कोरोना संक्रमितों के ईलाज में मददगार साबित हो रहा है। इन तेरह देशों के नाम है:- यूएसए, ब्राजील, स्पेन, जर्मनी, बहरीन, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, मालदीव, बंग्लादेश, मॉरीसस, सेशल्स और डोमिनिकन रिपब्लिक्स ।इन सभी देशों को मिलाकर भारत ने अब तक first consignment में 14 मिलियन टेबलेट्स का निर्यात मदद के तौर पर किया है। जिसमें कि USA ने 48 लाख Hydroxycholoroquine (HCQ) टैबलेट का डिमांड किया था, जिसमे कि उसे 35.82 लाख HCQ टैबलेट्स भेजे गये हैं एवं ब्राजिल को 0.53 MT API, जर्मनी 1.5 MT API . API का आशय है Active Pharmaceutical Ingredients.
इसके बाद HCQ टैबलेट्स की दूसरी खेप भी भेजी जायेगी जिसमें कुछ और देश शामिल होंगे, जिनकी सूची इस प्रकार है।
- जर्मनी :- 50 लाख
- कनाडा:- 50 लाख
- श्रीलंका:- 10 लाख
- नेपाल:- 10 लाख
- भूटान:- 02 लाख
- अफगानिस्तान:- 05 लाख
- मालदीव:- 02 लाख
ऐसी विकट परिस्थिती में भारत विश्व के इन सभी देशों को HCQ API भेजकर अपने विश्वास और दोस्ती को और भी प्रगाढ़ बनाया है, और यह साबित भी कर दिया कि इंडिया हर मुश्किल में विश्व के साथ है।
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