
आंतराष्ट्रीय महिला दिवस प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है. यह दिवस किसी भी खास संगठन, या किसी भी विशेष क्षेत्र के द्वारा नहीं बल्कि विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के लिए विशेष थीम एवं कलर चुना जाता है. वर्ष 2020 का कलर Purple एवं थीम है “I am Generation Equality: Realizing Women’s Rights ” . यानि की वर्ष 2020 तक महिलायें इस न्यू जेनेरेशन में दुनिया के हर क्षेत्र में पुरूषों के मुकाबले में बराबर का योगदान दे रही हैं एवं अपनी अधिकारों का प्रयोग करने में बराबर की हिस्सेदारी अदा कर रही हैं.
नारी है तो कल है, क्योंकि एक नारी माँ, बहन, बेटी, बहु हर.रुप में अपने-आपको साबित करते हुए समाज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाति है. बगैर नारी के इस दुनिया की कल्पना नहीं की जा सकती है. हमारा हिन्दु धर्म भी इसका गवाह है. नारी के अनेक रुप होते है. नारी कभी कमजोर नहीं होती, वो तो तो अपने परिवार की खुशियाँ के लिए खुद को भी समर्पित करने की क्षमता रखती है. नारी दुर्गा, नारी सरस्वती, नारी लक्ष्मी तो नारी खभी माँ, कभी बहन, कभी पत्नी का रुप अदा करती है,
प्रत्येक वर्ष अंतराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का मुख्य मकसद ये होता है, कि महिलाओं के मान- सम्मान की रक्षा करना, उन्हें समाज-दुनिया के प्रत्येक क्षेत्र में बराबर की हिस्सेदारी प्रदान करना ताकि वें इस नयी दुनिया में हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ-साथ चलने के लिए खुद को गर्वान्वित महसुस कर सके और अपनी उपल्बधियाँ , अफनी काबिलियत को दुनिया के सामने जग-जाहिर कर सके. साथ ही साथ महिला दिवस हम सभी को यह संदेश देत है, कि समाज में हर पुरूष नारी जाति का सम्मान करे, उनके अधिकारों की रक्षा करेंं एवं उनके भवनाओं की कद्र करते हुए उनके हर एक सुख-दुःख में सहायता करते हुए उनहें अग्रसर होने में अपनी भूमिका अदा करे.
कब शुरू हुआ अंतराष्ट्रीय महिला दिवस -संक्षिप्त विवरण
सर्व प्रथम महिला दिवस दिनांक 28 फरवरी 1909 को अमेरिका की सोस्लिट पार्टी के द्वारा पार्टी के कार्यकर्ता Theresa Malkiel के सुुुझाव पर न्यूयार्क शहर राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया गया. तत्पश्चात जर्मन डेलिगेट Clara Zetkin, Käte Duncker एवं अन्य सदस्ययोंं ने सन 1910 के मार्च मेें International Socialist Woman’s Conference किया गया जिसमें कि 17 देशों से कुल 100 महिलााांं ने अपनी भागिदारी दर्ज करायी और यह तय किया गया कि प्रत्येेेक वर्ष महिला दिवस राष्ट्रीय महिला दिवस के रुप में मनाया जाना चाहिए , और इस Conference में यह भी तय किया गयाा कि मताधिकार मेें महीलाओं की भागीदारी बराबर की होगी, लेकिन तब तक महिलाा दिवस मनाये जाने की तिथि निश्चित नहीं हुई थीी. इसके बााद 11 मार्च 1911 पहला IWD ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और जर्मनी में आयोजित किया गया।
1917 में रूस की महिलाओं ने, महिला दिवस पर रोटी और कपड़े के लिये हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह हड़ताल भी ऐतिहासिक थी. रूस के ज़ार ने सत्ता छोड़ी, अन्तरिम सरकार ने महिलाओं को वोट देने के अधिकार दिया. उस समय रूस में जुलियन कैलेंडर चलता था और बाकी दुनिया में ग्रेगेरियन कैलेंडर. इन दोनों की तारीखों में कुछ अन्तर है. जुलियन कैलेंडर के मुताबिक 1917 की फरवरी का आखिरी इतवार 23 फ़रवरी को था जब की ग्रेगेरियन कैलैंडर के अनुसार उस दिन 8 मार्च थी. इस समय पूरी दुनिया में (यहां तक रूस में भी) ग्रेगेरियन कैलैंडर चलता है. इसी लिये 8 मार्च महिला दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.
संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी किया गया थीम
1996 Celebrating the Past, Planning for the Future 1997 Women and the Peace Table 1998 Women and Human Rights 1999 World Free of Violence Against Women 2000 Women Uniting for Peace 2001 Women and Peace: Women Managing Conflicts 2002 Afghan Women Today: Realities and Opportunities 2003 Gender Equality and the Millennium Development Goals 2004 Women and HIV/AIDS 2005 Gender Equality Beyond 2005; Building a More Secure Future 2006 Women in Decision-making 2007 Ending Impunity for Violence Against Women and Girls 2008 Investing in Women and Girls 2009 Women and Men United to End Violence Against Women and Girls 2010 Equal Rights, Equal Opportunities: Progress for All 2011 Equal Access to Education, Training, and Science and Technology: Pathway to Decent Work for Women 2012 Empower Rural Women, End Poverty and Hunger 2013 A Promise is a Promise: Time for Action to End Violence Against Women 2014 Equality for Women is Progress for All 2015 Empowering Women, Empowering Humanity: Picture it! 2016 Planet 50-50 by 2030: Step It Up for Gender Equality 2017 Women in the Changing World of Work: Planet 50-50 by 2030 2018 Time is Now: Rural and urban activists transforming women’s lives 2019 Think Equal, Build Smart, Innovate for Change 2020 “I am Generation Equality: Realizing Women’s Rights ” | 1996 अतीत का जश्न, भविष्य के लिए योजना 1997 महिलाओं और शांति तालिका 1998 महिला और मानवाधिकार 1999 महिलाओं के खिलाफ हिंसा से मुक्त विश्व 2000 शांति के लिए एकजुट महिलाएं 2001 महिला और शांति: महिला का संघर्ष प्रबंधन 2002 आज की अफगान महिला: वास्तविकता और अवसर 2003 लिंग समानता और सहस्राब्दी विकास लक्ष्य 2004 महिला और एचआईवी/एड्स 2005 2005 के आगे लिंग समानता; अधिक सुरक्षित भविष्य का निर्माण 2006 निर्णय-लेने में महिलायें 2007 महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करना 2008 महिला और लड़कियों में निवेश 2009 महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए महिला और पुरुष एकजुट 2010 समान अधिकार, समान अवसर: सभी के लिए प्रगति 2011 शिक्षा, प्रशिक्षण एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी की समान पहुँच: महिलाओं के बेहतरी का मार्ग 2012 ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना, गरीबी और भूखमरी का अंत 2013 वचन देना, एक वचन है: महिलाओं के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने के लिए कार्रवाई का समय 2014 महिलाओं के लिए समानता, सभी के लिए प्रगति है 2015 महिला सशक्तीकरण, ही मानवता सशक्तीकरण: इसे कल्पना कीजिये! 2016 2030 तक, ग्रह में सभी 50-50: लैंगिक समानता के लिए आगे आये। 2017 कार्य की बदलती दुनिया में महिलाएं: 2030 तक, ग्रह में सभी 50-50 2018 अब समय है: महिलाओं और महिलाओं के जीवन को बदलने वाले ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता अब हैं: ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता महिलाओं के जीवन को बदल रहे हैं 2019 समान सोचें, बिल्ड स्मार्ट, बदलाव के लिए नया करें 2020 मैं जनरेशन इक्वेलिटी: महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रही हूं |